Wednesday, May 1st, 2024

स्टूडेंट और कर्मचारियों को गंदा पानी पिलाकर स्वयं पी रहे मिनरल वाटर

भोपाल।  बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) परिसर में बने कर्मचारी व अधिकारियों के आवासों से लेकर हॉस्टलों व दफ्तरों में अलग-अलग दो कुओं से पानी की पूर्ति कराई जा रही है। कुएं में गंदगी होने के कारण कर्मचारी आवास और हास्टल में गंदा पानी जा रहा है। इसके विरोध में कर्मचारी और एनएसयूआई ने कुलपति आरजे राव के पास पहुंच प्रदर्शन किया। लापरवाही रवैया देख इंजीनियर अखिलेश भारद्वाज को कुलपाति राव की फटकार खाना पड़ी। 

बीयू परिसर में अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ हास्टल में अलग-अलग दो कुओं से पानी की सप्लाई हो रही है। अधिकारियों को साफ और स्वच्छ कुए का पानी दिया जा रहा है। जबकि हास्टल और कर्मचारियों को गंदे पानी के कुए से पानी दिया जा रहा है। कर्मचारी और विद्यार्थियों के साथ हो रहे भेदभाव से सभी परेशान हो चुके हैं। इसलिए कर्मचारी और विद्यार्थियों ने दो गुटों में कुलपति राव से शिकायत कर निराकरण करा लिया है। बीयू कर्मचारी संघ के सभी पदाधिकारी कुलपति राव के पास पहुंचे और उन्हें गंदे पानी की सप्लाई की जानकारी दी। उन्हें बताया कि उन्हें ऐसे कुए का पानी दिया जा रहा है, जो काफी दूषित है। कुआ खुला होने के कारण पेड़ की पत्तियों के साथ काफी गंदी चीजें कुएं में गिरती हैं। उसका रख रखाव भी उचित नहीं हैं। इसके चलते पानी दूषित हो रहा है। कुलपति राव ने इंजीनियर भारद्वाज को तत्काल तलब किया और पानी सप्लाई की जानकारी ली। इस दौरान पानी गंदे होने के कारण पर चर्चा की। जबकि कुए को ढांक कर रखने के साथ उसे स्वच्छ बना रखने के लिए चार महीने फाइल को ओके कर दिया गया है। इसके बाद भी कार्रवाई पूर्ण नहीं हो सकी। इसलिए कुलपति राव ने सभी के सामने इंजीनियर भारद्वाज को करारी फटकार लगाते हुए। सभी स्थानों पर स्वच्छ कुए से पानी सप्लाई के निर्देश दिए हैं। यही बात लेकर एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं के साथ कुछ विद्यार्थी भी कुलपति राव से मिलने पहुंचे। उन्हें भी स्वच्छ पानी की सप्लाई देने का आश्वासन दिया गया है। 

सीधे कुएं में जाता है बारिश का पानी

मंदिर व परिसर में बने दोनों कुओं में ऊपर जाली तो लगी है, लेकिन जाली से गंदगी व पानी को नहीं रोका जा सकता है। बारिश का पूरा पानी इन्हीं कुओं में जाता है। बीयू परिसर में एक भी ओव्हर हेड टैंक नहीं है। इसके कारण आवासों में कम प्रेशर से तो पानी जाता ही है, कर्मचारियों को कुओं का दूषित पानी पीना पड़ रहा है।

फिल्टर पानी को भी कुएं में डालकर होती है सप्लाई

नगर निगम को नर्मदा जल के फिल्टर प्लांट को एक एकड़ जमीन दी गई है। इसमें लगे प्लांट से पूरी राजधानी को पानी की सप्लाई की जाती है। नगर निगम ने जमीन के एवज में हुए करार के अनुसार नर्मदा जल का एक कनेक्शन दिया गया है। लेकिन, बीयू द्वारा इस नर्मदा जल सीधे सप्लाई करने या किसी ओव्हर हेड टेंक में डालने के बजाय कुएं में एकत्र किया जाता है। उसके बाद कुएं के जल के साथ हॉस्टलों, विभागों व आवासों में पानी की सप्लाई की जाती है।

सालाना 2.40 लाख का मिनरल वाटर खरीदता है बीयू

बीयू के कर्मचारियों को जहां कुओं का दूषित पानी पिलाया जा रहा है। वहीं अधिकारी सालाना 2 लाख 40 हजार रुपए का मिनरल वाटर खरीदकर पी रहे हैं। प्राइवेट सप्लायर द्वारा प्रति माह लगभग 20 हजार की 500 मिनरल वाटर की केन सप्लाई की जाती हैं। पिछले दिनों कुलपति द्वारा सप्लायर का पेमेंट रोक दिए जाने के कारण सत्य भवन के सभी विभागों के साथ कुलपति का पानी भी बंद हो गया था। जिसका एक दिन में भुगतान कराकर दोबारा सप्लाई शुरू की गई थी। 

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